परोपकारी की जीत
चीन में क्यांग नामक बेहद गरीब मगर ईमानदार युवक
रहता था। क्यांग एक अमीर की पशुशाला मे
काम करता था। वहां पलने वाले घोड़ों, गाय, ऊंटों आदि जानवरों की वह जी जान से
देखभाल करता। दोपहर में या रात को कुछ वक्त मिलता, तो वह चित्र बनाने बैठ जाता।
चित्र बनाना उसे बड़ा अच्छा लगता था। तनख्वाह तो उसे बहुत कम मिलती थी, पर वह अपना
काम चला लेता था।
एक
रात क्यांग पेंटिंग बनाते-बनाते सो गया। सपने में उसने देखा कि किसी संतपुरूष ने
उसे एक बड़ी सी ब्रुश देते हुए कहा, ‘इससे गरीबों की मदद करना।’ सुबह उठने पर क्यांग ने सचमुच एक ब्रुश अपने सिरहाने रखा
पाया। क्यांग बड़ा खुश हुआ। उसने ब्रुश से एक कमल का फूल बना डाला। देखते ही देखते
वहां असली कमल का फूल उत्पन्न हो गया। क्यांग समझ गया कि इस चमत्कारी ब्रुश से जो
कुछ बनाया जाएगा, वह सचमुच सामने आ जाएगा।
उस दिन से क्यांग किसी भी गरीब को भूखा देखता, तो ब्रश से फल,
रोटी, सब्जी आदि बना डालता, वस्त्रहीन व्यक्ति को देखता तो कपड़ों की तस्वीर बना
देता, बीमार को देखता, तो औषधि का चित्र बना देता... सारी चीजें वास्तविक रूप में
उपस्थित हो जातीं और असहाय लोगों की जरूरतें पूरी हो जातीं। कई बार वह देखता कि
कोई मेहनतकश किसान अपने खेत मे पानी न होने से परेशान है, तो कुआं बना देता, किसी
के पास बैल न होने से जुताई में दिक्कत आती तो बैल बना देता। धीरे-धीरे क्यांग की
ख्याति दूर-दूर तक फैल गई।
क्यांग के मालिक को भी उसके जादुई ब्रश का पता चल गया। उसने क्यांग
के ब्रश की मदद से अपनी धन-संपदा बढ़ाने की सोची। वह जानता था कि इस ब्रुश से जो
कुछ बनाया जाएगा, वह वास्तविक रूप में उपस्थित हो जाएगा। उसने तलवार की नोक पर
जबरदस्ती क्यांग से एक सोने का पहाड़ बनाने को कहा ताकि वह उससे सोना ले सके। क्यांग
ने पहले समुद्र बनाया फिर उसके बीचों-बीच सोने का पहाड़ बना दिया। क्यांग का मालिक
गुस्सा हो गया। बोला, मैं समुद्र के बीच में जाऊंगा कैसेॽ ज्यादा होशियारी मत दिखाओ। अब एक बड़ा सा जहाज भी बनाओ।’ क्यांग ने
मजबूरीवश बड़ा सा जहाज बना दिया। धूर्त अमीर अपने परिवार एवं बंधु-बांधवों के साथ
जहाज मे बैठकर रवाना हो गया।
ताकि सब मिलकर ज्यादा से ज्यादा सोना बटोर सकें। लेकिन वह मूर्ख अति उत्साह
में ब्रश क्यांग के पास ही छोड़ गया। जहाज जैसे ही समुद्र के बीच पहुंचा , क्यांग
ने समृद्ध में विशाल लहरें बना दीं और तेज तूफान भी। देखते ही देखते यह दृश्य भी
जीवंत हो उठा और दुष्ट अमीर अपने परिवार एवं मित्रों सहित समृद्ध की गहराइयों में
कहीं खो गया। उसका साम्राज्य क्यांग को मिल गया। लेकिन वह जादुई ब्रश से अब भी
गरीबों की दिल खोलकर कर मदद करता रहा।
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